सरकारी घोषणा

19 जुलाई 2011. रावतभाटा। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. एसके बनर्जी ने कहा कि जापान के फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में सुनामी से फैली विकिरण त्रासदी के बाद जर्मनी, इटली और स्विटजरलैण्ड में न्यूक्लियर कार्यक्रम बंद करने का फैसला पूरी दुनिया का फैसला नहीं हो सकता। भारत में 40 फीसदी आबादी आज भी बिजली से महरूम है। परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को अपनाए बगैर हम दुनिया के साथ खड़े नहीं हो सकते। भारत का परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम जारी रहेगा। बनर्जी सोमवार को राजस्थान परमाणु बिजलीघर की 700-700 मेगावाट की सातवीं-आठवीं इकाई के प्रथम पोर क्रंकीट कार्य का शिलान्यास करने के बाद विजय भवन में बिजलीघर के कर्मचारियों व अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड परमाणु कार्यक्रम के हर पहलू की समीक्षा के साथ नजर रख रही है। संसद में शीघ्र ही परमाणु दायित्व बिल को संसोधन के साथ पेश किया जा रहा है। भविष्य की ऊर्जा जरूरत को देखते हुए नाभिकीय व सौलर दो विकल्प हैं। खपत व उत्पादन के बीच अंतर को हम केवल नाभिकीय ऊर्जा से समाप्त कर सकते हैं। नाभिकीय ऊर्जा पर्यावरण हितैषी है, जो देश की उन्नति में सहायक होगी। हम पूरी तरह सुरक्षित नाभिकीय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. एस. के. जैन ने कहा कि रावतभाटा साइट के रिएक्टरों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि गांधीसागर बांध टूट जाए और उसी दौरान मुम्बई की तरह तेज बारिश हो तब भी शटडाउन नहीं होगा। हम पूरी तरह सुरक्षित हैं।(स्रोत-पत्रिका.कॉम)

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